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‘रंग साज 2025’ का देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय में भव्य शुभारंभ

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‘रंग साज 2025’ का देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय में भव्य शुभारंभ

IMG-20250418-WA0015 ‘रंग साज 2025’ का देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय में भव्य शुभारंभ

देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा दो दिवसीय ‘रंग साज 2025’—कला चर्चा, कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन 18 अप्रैल 2025 को किया गया। इस अवसर पर देशभर से आमंत्रित 12 प्रख्यात कलाकार, मूर्तिकार और फिल्ममेकर सहित सैकड़ों प्रतिभाशाली कलाकारों ने भाग लिया तथा अपनी विशिष्ट कलात्मक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार श्री योगेंद्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने चित्रकला की सूक्ष्मताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे रंग और तूलिका के साथ हर कलाकार के मन में सृजन की लालसा उत्पन्न होती है। उन्होंने भारत के महान कलाकार नंदलाल बोस के संरक्षण में शांतिनिकेतन में सीखी गई विविध कला शैलियों और तकनीकों का अनुभव भी साझा किया।

कुलपति प्रो. डॉ. प्रीति कोठियाल ने अपने संबोधन में कहा कि “कला एक साधना है, जो कलाकार को समाज के विविध पहलुओं को रचनात्मक रूप में अभिव्यक्त करने की क्षमता प्रदान करती है।”

कार्यकारी निदेशक डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने कला को आत्मीय चिंतन एवं कल्पना का सृजनात्मक स्वरूप बताया जो समाज के यथार्थ को प्रभावशाली रूप में दर्शाता है।

कार्यक्रम में उप कुलपति डॉ. संदीप शर्मा, शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ. कनिष्क झा, अनुसंधान एवं नवाचार अधिष्ठाता डॉ. नवीन अहमद, सचिव मेजर जनरल ओ. पी. सोनी सहित विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

डॉ. भावना गोयल, अधिष्ठाता, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड लिबरल आर्ट्स ने सभी प्रतिभागियों, कलाकारों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की गरिमा को रेखांकित किया।

प्रमुख आमंत्रित कलाकारों में

असुर्वेद (दिल्ली) — प्रसिद्ध मूर्तिकार एवं फिल्मकार, जिन्होंने कला की सामाजिक भूमिका पर चर्चा की।

वज्रनाभ नटराज महर्षि (आंध्र प्रदेश) — राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लेखक व फिल्मकार, जिन्होंने फिल्म लेखन एवं फोटोग्राफी के तकनीकी पक्षों को प्रस्तुत किया।

मेजर भारत भंडारी (देहरादून) — जिन्होंने घोड़े के चित्रण विधान में उत्तराखंड की सौंदर्यात्मक पहचान को दर्शाया।

अन्य कलाकारों में जाकिर हुसैन, मोहम्मद मोईन, डॉ. पवनेंद्र तिवारी (मेरठ), डॉ. रेनू शाही (जयपुर), डॉ. रेनू यादव (दिल्ली), और श्रद्धा शुक्ला (चमोली) शामिल रहीं, जिन्होंने विविध कला शैलियों में अपनी सृजनात्मक अभिव्यक्तियां प्रस्तुत कीं।

कार्यक्रम के संयोजक एवं ललित कला विभाग के प्रमुख कार्यवाहक डॉ. राजकुमार पांडे ने बताया कि यह आयोजन कलात्मक ज्ञान के आदान-प्रदान एवं विद्यार्थियों को प्रेरित करने हेतु आयोजित किया गया है। सह-संयोजक डॉ. मंतोष यादव ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को कला की विविध विधाओं से परिचित कराना और उन्हें प्रोत्साहित करना रहा।

कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग के सहायक आचार्य दीपशिखा मौर्य, शमशेर वारसी, सौम्या रावत, राहुल यादव, शालिनी भंडारी, भानु देव शर्मा तथा अन्य संकाय सदस्य डॉ. मोनिका नेगी, कीर्ति मलिक, शेफाली चेतन, डॉ. सुनीता, बवेंद्र सिंह आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

‘रंग साज 2025’ विश्वविद्यालय परिसर में कला, संस्कृति और सृजनात्मकता का उत्सव बनकर उभरा, जो प्रतिभागियों और दर्शकों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय आयोजन रहा.

 

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