
उत्तर प्रदेश किसान सभा ने डीएम को 8 सूत्रीय मांग को लेकर सौपा ज्ञापन

अखिल भारतीय किसान सभा के आवाह्न पर उत्तर प्रदेश किसान सभा ने डीएम को 8 सूत्रीय मांग को लेकर सौपा ज्ञापन और कहा कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण लगातार किसानों को दोहरी मार पड़ रही है। ऐसे में केंद्र व राज्य अखिल भारतीय किसान सभा के आहवान पर आपको अवगत कराना है कि केंद्र सरकार की सरकार द्वारा स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के अनुसार कृषि उपज मूल्य देने का कानूनी अधिकार न दिये जाने के कारण कर्ज में डूबे किसानों को तत् अनुल कर्जमाफी दिया जाना नितांत आवश्यक है ताकि किसान आगे भी पूरे मनोयोग से किसानी कार्य में तल्लीन रहे अन्यथा देश को बड़े संकट से जूझना पड़ेगा । यह भी बताना है कि इन आर्थिक दबावों के कारण, भाजपा सरकार के कार्यकाल में 1,20,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।
प्रतिदिन 31 किसान अपनी जान दे रहे हैं। इस संकट से किसानों को उबारना केंद्र व राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। सरकार ने कॉर्पोरेट कंपनियों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ करने के लिए कानून बनाया लेकिन कर्जग्रस्त किसानों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया। यह स्पष्ट भेदभावपूर्ण व्यवहार है। आज सरकार विरोधी नीतियों के कारण किसान स्वीकार कर रहे है कि कृषि सेवा और उत्पादन की सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए किसानों को फसल उत्पादन से प्राप्त आय भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सांस्कृतिक विकास के लिए पर्याप्त नहीं हो रहे है जो केंद्र व राज्य सरकार की कृषि-विरोधी नीतियों के कारण ही हुआ है। ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले दबता चला जा रहा है । निम्नलिखित कारणों का संज्ञान ग्रहण करते हुए किसान हित में आवश्यक कार्यवाही करें, जो कि निम्नवत् है।

1. स्वामीनाथन आयोग सूत्र C2+50% के अनुसार फसलों का आधारभूत मूल्य निर्धारित नहीं किया जाता । 9 दिसंबर 2021 को किसान आंदोलनकारियों को दिए गए आश्वासन के बावजूद, सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी नहीं दी गई। दी जाये।

2. बार-बार विदेशी कृषि उत्पादों का आयात करके हमारी फसलों के दाम जानबूझकर गिराए गए है।
3. शिक्षा स्वास्थ्य जती दुनियादी जरूरतों पर खर्च सरकारी नीतियों के निजीकरण से बढ़ गया है।
4. कृषि आदानों (जैसे उर्वरक बीज) पर अत्यधिक कर लगाकर उत्पादन लागत बढ़ाई गई है।

5– सभी किसानों के कर्ज (फसल, पंपसेट, शिक्षा, आवास आदि) पूर्ण माफी पेषित की जाए ।
6– स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के अनुसार MSP को कानूनी गारंटी दी जाए।
7- धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर भेद किए बगैर सभी किसानों को कर्जमाफी दी जाए।
8– प्रत्येक किसान परिवार को प्रति माह 10,000/- रू. बुढ़ापे की पेंशन दी जाय ।
समर कैंप के समय होने वाली समस्याओं के संबंध में अनुदेशक और शिक्षामित्रों ने सौपा ज्ञापान

कला संवाद और प्रशिक्षण का प्रभावी आयोजन
Share this content:















Post Comment