
देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय में ‘रंगसाज़ 2025’ राष्ट्रीय कला कार्यशाला का भव्य पोस्टर विमोचन
देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय में ‘रंगसाज़ 2025’ राष्ट्रीय कला कार्यशाला का भव्य पोस्टर विमोचन
देव भूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा आयोजित होने वाले दो दिवसीय राष्ट्रीय कला शिविर, कला वार्ता एवं प्रदर्शनी “रंगसाज़ 2025” का पोस्टर विमोचन समारोह आज विश्वविद्यालय परिसर में उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन ललित कला विभाग की कला साधना, नवाचार और राष्ट्रीय स्तर पर कलाकारों को जोड़ने की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
इस कार्यक्रम में देशभर के प्रतिष्ठित कलाकार, फिल्म निर्माता, फोटोग्राफर, मूर्तिकार आदि शामिल होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य उभरते और स्थापित कलाकारों को एक साझा मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपने अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ विभिन्न कला शैलियों में अपनी सृजनात्मकता को प्रदर्शित कर सकें। “रंगसाज़ 2025” 18 और 19 अप्रैल 2025 को आयोजित किया जाएगा, जिसमें कलाकारों, शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है।
पोस्टर विमोचन समारोह की मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड लिबरल आर्ट्स की डीन प्रो. (डॉ.) भावना गोयल रहीं, जिन्होंने पोस्टर का अनावरण किया। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, ऐसे आयोजन न केवल कला की गरिमा को बढ़ाते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को सृजनात्मकता, तकनीकी दक्षता और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ‘रंगसाज़’ जैसे मंच युवा प्रतिभाओं को अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करते हैं, जो किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राजकुमार पांडेय ने बताया कि “रंगसाज़ 2025″एक बहुआयामी आयोजन होगा, जिसमें कला प्रदर्शनी, लाइव डेमोंस्ट्रेशन, कला संवाद, कार्यशालाएँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। यह कार्यक्रम पारंपरिक और समकालीन कला के समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
रंगसाज़ 2025 के प्रमुख आकर्षण:
राष्ट्रीय कला शिविर-कलाकारों के लिए स्वतंत्र सृजन का मंच।
कला वार्ता-अनुभवी कलाकारों और विद्वानों के साथ विचार-विमर्श।
लाइव डेमोंस्ट्रेशन- कला निर्माण की विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन।
प्रदर्शनी-प्रतिभागियों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी। सांस्कृतिक कार्यक्रम- संगीत, नृत्य और कविता पाठ जैसी विविध प्रस्तुतियाँ।
इस आयोजन की सफलता के लिए डॉ. सुनीता भोला, डॉ. मोनिका नेगी, डॉ. मंतोष यादव, डॉ. विक्रम, डॉ. बबेन्द्र, श्री राहुल, श्रीमती सौम्या रावत, दीपशिखा मौर्य, शमशेर वारसी, भानु देव शर्मा, शालिनी भंडारी, ज्योति, स्वाति कौशिक, राखी और कृति मालिक सहित पूरी टीम समर्पित भाव से कार्य कर रही है।
पोस्टर विमोचन समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। डॉ. मंतोष यादव ने कहा, रंगसाज़ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो कला को समाज से जोड़ता है। श्री राहुल ने पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी दी, जबकि श्रीमती सौम्या रावत ने बताया कि सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएँगे।
ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार पांडेय ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा, कला की पहचान उसके निरंतर प्रसार में है। ‘रंगसाज़’ जैसे आयोजन युवा कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देते हैं। “रंगसाज़ 2025” निश्चित रूप से कला जगत में एक सशक्त छाप छोड़ेगा और उत्तराखंड तथा सम्पूर्ण भारत के कलाकारों के लिए एक सृजनात्मक मंच प्रदान करेगा।

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