
शिब्ली चर्चित अजीत राय छात्र हत्या कांड में 21 साल बाद न्याय
न्याय के लिए 21 साल,यह संविधान की जीत है – नागेन्द्र राय

आजमगढ़। छात्रसंघ चुनाव की रंजिश को लेकर अजीत राय हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 1 अजय कुमार शाही की अदालत ने मंगलवार को छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 45- हज़ार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड की आधी रकम मृतक अजीत राय के परिजनों को दी जाएगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार निजामाबाद थाना क्षेत्र के टुंडवल गांव निवासी अजीत राय शिब्ली नेशनल पीजी कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र था। वर्ष 2004 में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में वह महामंत्री पद का संभावित उम्मीदवार था। चुनावी प्रतिद्वंद्विता के चलते 9 सितंबर 2004 की सुबह करीब 11 बजे शिब्ली इंटर कॉलेज के मुख्य द्वार पर मोहम्मद दानिश पुत्र मुमताज अहमद निवासी नई बस्ती, शाह समर यासीन पुत्र नसीम निवासी पहाड़पुर, मोहम्मद शारिक, मोहम्मद सादिक पुत्रगण मोहम्मद साबिर, इरफान पुत्र लल्लन निवासी निराला नगर, सादिक खान पुत्र वकील गफ्फार निवासी ग्राम टोला और रिंकू जकरिया पुत्र जकारिया निवासी बदरका लाठी-डंडों से अजीत राय पर हमला करने लगे। रिंकू जकरिया के उकसाने पर मोहम्मद दानिश ने कट्टे से अजीत पर गोली चला दी। इसके बाद सभी आरोपियों ने एक कार से घटनास्थल से फरार हो गए।

घायल अजीत को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। उस समय राशन पहुंचाने आए अजीत के चाचा देवेंद्र राय ने शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में विद्यालय के प्रिंसिपल मोहम्मद इफ्तखार खान और भौतिकी विभाग के प्रमुख मोहम्मद जकरिया को भी साजिश का हिस्सा बताया गया। दिनदहाड़े हुई इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जांच के बाद आठ आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता गोपाल पांडेय और सीबीसीआईडी के अधिवक्ता ने कुल 16 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मोहम्मद दानिश पुत्र मुमताज, शाह समर यासीन पुत्र नसीम, मोहम्मद शारिक, सादिक खान उर्फ रशीद और रिंकू जकरिया को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 45-45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। बातचीत के दौरान स्व.अजीत राय के पिता ने कहा कि हमें न्याय तो मिला लेकिन बहुत देर लगी । उन्होंने कहा जो हमें न्याय मिला है यह संविधान की बदौलत मिला है । भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि मेरा बेटा जहां मारा गया था वहां पर उसकी मूर्ति भी लगनी चाहिए यह हमारे लिए पूर्ण न्याय होगा । भावुक होते हुवे चाची ने कहा हमारे पति केस लड़ते-लड़ते चले गए न्याय मिला लेकिन बहुत देरी से ।

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